मंगलवार, 21 मार्च 2017

जीवन को बनाएं जीवंत





थोड़े का महत्व कभी कम नहीं होता | कितनी सारी छोटी -छोटी खुशियाँ हमारे आस -पास बिखरी होती हैं | उन पर खुश होने के स्थान पर पता नहीं क्या पाने के लिए प्रतिस्पर्धा की एक रेतीली दौड़ में शामिल हो जाते हैं | ये रेत शायद आँखों में इतनी भर जाती है जो खूबसूरत पलों को देखने का अवसर ही नहीं देती हैं……..राजा या भिखारी समय सबके पास सीमित है | .
ये भाग दौड़ कब हमारे अपनों को समय के पार ले जाती है और भर जाती है तन में रेत , मन में रेत , जीवन में रेत | तब समझ में आता है …. पलों का महत्व , थोड़े का महत्व | आवश्यकता है किसी ऐसे मनेजमेंट कोर्स की जो भागती दौड़ती जिन्दगी में ख़ूबसूरत पलों को सहेजना सिखा सके , जीवन को जीवंत बना सके ………..
वंदना बाजपेयी

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