सोमवार, 27 मार्च 2017

जूनून - जिन्दा रहने का दूसरा नाम





पैशन एक उर्जा है ... उस उर्जा को महसूस करिए जो उस समय महसूस होती है जब आप वो काम करते हैं जो आप को उद्द्वेलित करता है - ओप्राह विनफ्रे 
                               पैशन या जूनून अपने आप में किसी व्यक्ति की पूरी परिभाषा है | और हमारे जिन्दा होने का सबूत भी | एक ऐसा काम जो काम न होकर खेल लगे |  पैशन  वो काम है जिसे करने में आनंद आये | आत्मा डूब जाए ध्यान या मैडीटेशन  की अवस्था आ जाए | पैशन की भूमिका कुछ करने या केवल खुशी के पलों में नहीं हैं | जीवन के नकारात्मक पलों में ये बहुत बड़ा मदगार बनता है |
                                              वस्तुत : जीवन उतार चढाव का नाम है | जीवन में कई पल ऐसे आते हैं | जिसमें ऐसा लगता हैं जैसे साँसे चुक गयी हों  या हम जीवित तो हैं पर हमारे अंदर बहुत कुछ मर गया है | वो पल घनघोर निराशा के होते हैं | किसी बड़ी असफलता के होते हैं , किसी रिश्ते के टूटने के होते हैं , किसी अपने को खोने के होते हैं | फिर भी जीवन रुकता नहीं है |  आगे बढ़ता रहता है | उसे आगे बढ़ाना ही पड़ता है |  कभी नीचे झुका कर , कभी हिला कर तो कभी जोर से किक मार कर | एस पड़ाव पर पैशन बहुत काम आता है | वो काम जिसको आप दिल की गहराइयों से चाहते हैं करने में जुट जाने पर काम ही इंसान को नकारत्मकता  से बाहर निकाल लेता है | जैसा सा की मशहूर ग़ज़ल गायक जगजीत ने कहा था की ,

" पुत्र को एक कार दुर्घटना में खो देने के बाद  वो तीन दिन तक अपने कमरे से बाहर नहीं निकले | घनघोर निराशा जैसे प्राण खींच रही थी | फिर उन्होंने सितार उठाया और उस पर ओम बजाना शुरू किया | सारी  रात वोही बजाते रहे | सुबह तक मन थोडा शांत था |"
                                       बहुधा लोग पैशन का अर्थ काम और गोल सेटिंग से समझ लेते हैं | पर पैशन का अर्थ गोल को पाना नहीं आनंददायक यात्रा है |कोई माँ अपने बच्चे को ये सोंच कर नहीं पालती है की बच्चा बड़ा होकर अपना लक्ष्य पा ले बस ! हालांकि ये उसकी शुभेक्षा जरूर रहती है परन्तु हर दिन बच्चे की बाल सुलभ बातों का आनंद लेती है | बच्चे के साथ हर दिन उसकी ऊर्जा , उमंग और तंरग अनोखी होती है | कई बार पैशन हमसे वो काम करवा देता है जिसकी कल्पना हमने सपने में भी नहीं की होती है | जैसा की आइन्स्टीन कहते हैं ," मेरे में कोई विशेष प्रतिभा नहीं है मैं बस जूनून की हद तक जिज्ञासु हूँ | 
                                                                

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